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प्रयोग:- समरसता भोज

प्रयोग:- समरसता भोज

हेतु –                 झाबुआ जिला जनजातीय बाहुलय जिला है। 85 प्रतिशत आदिवासी और 15 प्रतिशत अन्य वर्ग के लोग है। ऐसे में बच्चों में समरसता का भाव लाने के उद्देश्य से विद्यालय में प्रतिमास समरसता भोज का  आयोजन किया जाता…

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प्रयोग:- विमर्श

प्रयोग:- विमर्श

हेतु –      विद्यार्थी अन्तर्मुखी होते जा रहे है। अपने मन की बात किसी से नहीं कर पाते और इस कारण व्यर्थ के तनाव में जीते है, और कभी–कभी गलत कदम उठा लेते है। इस समस्या के निदान के लिये…

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पेपर माशी  से बने उत्पाद

पेपर माशी  से बने उत्पाद

आवश्‍यक सामग्री –   रद्दी कागज ,गोंद, मिट्टी    विधि – * रद्दी कागज के छोटे-छोटे टुकडे करके  उसमें  गोंद और मिट्टी मिलाकर इसे एक      हफ्ते तक पानी में गला कर रखते है।  इसके पश्‍चात पानी अलग करके उसे कूटते …

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पारंपरिक गुड्डे गुड़िया 

पारंपरिक गुड्डे गुड़िया 

पारंपरिक गुड्डे गुड़िया  – झाबुआ मध्य प्रदेश एक आदिवासी बाहुल्य जिला है यहां की पारंपरिक गुड्डे गुड़िया पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश-विदेश तक प्रसिद्ध है हम विद्यार्थियों को इन गुड्डे गुड़ियों को बनाने हेतु प्रशिक्षण दे रहे हैं जिससे…

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प्रयोग: खिचडी दान

प्रयोग: खिचडी दान

हेतु – विद्यार्थियों में दान देने की प्रवृति का विकास हो व परोपकार की भावना जाग्रत करने      के उद्देश्य से खिचडी दान किया जाता है। प्रयास– विगत 25 वर्षों से विद्यालय में मकर संक्रांति के अवसर पर विद्यार्थियों के…

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प्रयोग: बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गतिविधियाँ –

प्रयोग: बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गतिविधियाँ –

3 से 5 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए – बच्चों को स्वयं अपने शर्ट के बटन लगवाना। जूते के फीते स्वयं बांधना। स्वयं का बस्ता जमाना। भोजन के पश्चात् स्वयं की थाली धोना। थाली में झुठन नहीं…

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वराहमिहिर

वराहमिहिर

पूरा नाम वराहमिहिर जन्म ई. 499 जन्म भूमि ‘कपिथा गाँव’,  उज्जैन मृत्यु ई. 587 अभिभावक पिता- आदित्यदास संतान पुत्र- पृथुयशा मुख्य रचनाएँ बृहज्जातक, बृहत्संहिता और पंचसिद्धांतिका पुरस्कार-उपाधि महाराज विक्रमादित्य ने मिहिर को मगध देश का सर्वोच्च सम्मान वराह प्रदान किया। विशेष वराह मिहिर की मुलाक़ात ‘आर्यभट‘ के…

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