हेतु

     विद्यार्थी अन्तर्मुखी होते जा रहे है। अपने मन की बात किसी से नहीं कर पाते और इस कारण व्यर्थ के तनाव में जीते है, और कभीकभी गलत कदम उठा लेते है। इस समस्या के निदान के लिये विद्यालय में विद्यार्थियों से समय पर विमर्श किया जाता है।

प्रयास

विमर्श के दौरान उससे अध्यापन के अतिरिक्त अन्य पारिवारिक व्यक्तिगत बाते भी की जाती है।

     बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को अनावश्यक तनाव से मुक्ति दिलाने हेतु ’’प्रेरणा संवाद’’ का आयोजन भी किया जाता है। अंत में विजय तिलक लगाकर बिदाई दी जाती है।

परिणाम:-     

विद्यार्थी भावनात्मक रूप से मजबूत होते हो पाए है। हर परिस्थिति का सामना करने के सक्षम बने। पारिवारिक समस्या भी बताने में नहीं हिचकते शिक्षक भी विद्यार्थी की वास्तविक समस्या पारिवारिक पृष्ठभूमि से अवगत होने के कारण छात्र को समझ पाए। बोर्ड कक्षाओं का परीक्षा परिणाम अपेक्षा कृत उत्कृष्ट आया है।